0 0
Read Time:4 Minute, 19 Second

पटना, राज्य के 11 जिले में मौजूद 100 हेक्टेयर से बड़े वेटलैंड (चौर) को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. ये पानी प्रबंधन के बेहतरीन स्रोत के रूप में भी चिह्नित किये गये हैं. वेटलैंड से ही नदियां, तालाब और कुएं सहित ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता है. फिलहाल ऐसे 64 वेटलैंड की पहचान कर तैयारी की जा रही है.


36 वेटलैंड को भी अधिसूचित किया जायेगा
ये सभी वैशाली, सारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, कटिहार, भोजपुर और बक्सर जिले में हैं. उन 64 में से करीब 28 वेटलैंड को वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन रूल्स 2017 के तहत अधिसूचित किये जाने की तैयारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग कर रहा है. इनका एरिया करीब 9100 हेक्टयेर है और सभी का हेल्थ कार्ड बन चुका है. इसके बाद अन्य 36 वेटलैंड को भी अधिसूचित किया जायेगा.


11 जिले के ये 28 वेटलैंड होंगे अधिसूचित

• वैशाली जिले में बरैला झील करीब 1204 हेक्टेयर में है. वहीं सलाह चौर 638 हेक्टेयर, मिश्रउलिया अफजलपुर करीब 137 हेक्टयर और पुरानिया चौर 135 हेक्टेयर में है.

• सारण जिले में मिर्जापुर बहियार 721 हेक्टेयर और आटानगर 120 हेक्टेयर में है.

• सीवान जिले में सुरैला चौर 175 हेक्टेयर में है. पूर्वी चंपारण जिले में कररियामन करीब 148 हेक्टेयर में है.

• पूर्वी चंपारण जिले में मोतीझील को भी विकसित करने की योजना है.

• मुजफ्फरपुर जिले में कोटियाशरीफ मन 155 हेक्टेयर, मोनिका मन 105 हेक्टेयर और बनीरा राही वेटलैंड करीब 345 हेक्टेयर में है.

• बेगूसराय जिले में एकंबा वेटलैंड 300 हेक्टेयर, काबर झील 2677 हेक्टेयर और बसाही 146 हेक्टेयर में है.

• समस्तीपुर जिले में देबखाल चाैर करीब 217 हेक्टेयर में है. दरभंगा जिले में कानाल झील 243 हेक्टेयर, कन्सर चौर 109 हेक्टेयर, दिघि लेक 105 हेक्टेयर, हराही झील 112 हेक्टेयर, गंगासागर झील 115 हेक्टेयर सहित महापारा चौर शामिल हैं.

• कटिहार जिले में गोगाबिल 137 हेक्टेयर और बाघर बिल 125 हेक्टेयर में हैं.

• भोजपुर जिले में भरवर वेटलैंड 257 हेक्टेयर और चरखल वेटलैंड 114 हेक्टेयर में हैं. Â बक्सर जिले में कोलिया खाप (डाहा) वेटलैंड करीब 696 हेक्टेयर में हैं.

• पूर्वी चंपारण जिले में लाल सरैया वेटलैंड 218 हेक्टेयर में हैं.

डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन
सूत्रों के अनुसार सभी वेटलैंड के बेहतर प्रबंधन के लिए जिलों में डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. उस समिति को वेटलैंड की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस समिति में संबंधित जिले के डीएफओ मेंबर सेक्रेटरी और अन्य विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी सदस्य होंगे. इसके साथ ही राज्य के पांच अन्य वेटलैंड को रामसर साइट घोषित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया है.

इनपुट : प्रभात खबर

Advertisment

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: