पटना, Road Accident Black Spot in Bihar: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने व ब्लैक स्पाट चिह्नित करने के लिए बिहार के राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) का सर्वे किया गया है। पहले चरण में पांच सबसे अधिक हादसों वाले एनएच चिह्नित किए गए हैं। इसमें एनएच-2 में वाराणसी-औरंगाबाद खंड सबसे खतरनाक पाया गया है। इसके अलावा एनएच-28 छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा, एनएच-57 मुजफ्फरपुर-दरभंगा-फारबिसगंज व पूर्णिया, एनएच-30 पटना-बख्तियारपुर और एनएच-31 बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी के बीच सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं।

कई तरह के उपाय से हादसों में कमी लाने की तैयारी

राज्य सरकार अब सड़क हादसे रोकने के लिए इन एनएच के चिह्नित खंड पर सुधार कार्य कराएगी। इसके अंतर्गत ब्लैक स्पाट के आसपास पुलिस चेक पोस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि गाडिय़ों की स्पीड की निगरानी की जा सके। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने हैं। सड़क हादसे रोकने के लिए बेवजह या अवैध कट को भी बंद किया जाएगा। एनएच के जिन हिस्सों के आसपास घनी आबादी है, वहां हादसे रोकने के लिए फुट ओवरब्रिज या अंडर पास बनाए जाने का भी प्रस्ताव है।

चिह्नित हुए थे 94 ब्लैक स्पाट

पिछले साल बिहार से गुजरने वाले एनएच पर 94 ब्लैक स्पाट चिह्नित किए गए थे। इसमें मुजफ्फरपुर का सदातपुर मोड़, एनएच-57 पर एसकेएमसीएच के नजदीक, दरभंगा फोरलेन को जोडऩे वाली सड़क पर मझौली मोड़, मुजफ्फरपुर-बरौनी रूट पर काजीइंडा चौक, गया में एनएच-31 पर बाराचट्टी मोड़ आदि शामिल थे। इन स्पाट पर सड़क हादसों की कमी के लिए कई जगह साइन बोर्ड, रेडियम स्टीकर और कट आदि को बंद करने का काम किया गया। हालांकि अब भी इसमें कई ऐसे स्पाट हैं, जहां हादसे जारी है। इसमें पटना-बख्तियारपुर एनएच-30, गोपालगंज में एनएच-28 आदि शामिल हैं।

सड़क हादसों में आई कमी

बिहार में सड़क सुरक्षा और अन्य उपायों के कारण सड़क हादसे से मरने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में सड़क हादसों में 6,729 लोगों की मौत हुई थी, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 7,205 तक हो गई। वहीं वर्ष 2020 में यह आंकड़ा घटकर 6,699 तक आ गया है। इसमें 3,285 की मौत एनएच में सड़क हादसों पर हुई, जबकि करीब 14 सौ की मौत स्टेट हाईवे पर हुए हादसों में गई। तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य के 12 ऐसे जिले रहे, जहां सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसमें जहानाबाद, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, सीतामढ़ी, बक्सर, सहरसा, गोपालगंज, वैशाली, बांका, भागलपुर, रोहतास और पूर्वी चंपारण शामिल हैं।

इनपुट : दैनिक जागरण

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