मुजफ्फरपुर, 05 अगस्त 2025: शिक्षा के क्षेत्र में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जहां मुजफ्फरपुर की नगर थाना पुलिस ने मोतीझील के पी.एन. राय गली में ‘शंकर पुस्तक भंडार’ के गोदाम पर छापा मारकर 20 लाख रुपये से अधिक की नकली NCERT और BTBC की किताबें जब्त की हैं। यह कार्रवाई न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ लोग बच्चों के भविष्य और सरकारी राजस्व के साथ खिलवाड़ कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
गुप्त सूचना और कोलकाता की लीगल टीम की सक्रियता
NCERT के कोलकाता कार्यालय को मिली शिकायत के बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष लीगल टीम का गठन किया गया, जिसमें अधिकारी जितेश लुहाने शामिल थे। इस टीम ने गुप्त जांच के बाद स्थानीय पुलिस के सहयोग से मंगलवार को गोदाम पर छापेमारी की। छापेमारी में हजारों नकली पाठ्यपुस्तकें बरामद हुईं, जो बाजार में बेची जाने की तैयारी में थीं। इन किताबों को अवैध रूप से तैयार कर कम लागत में ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की साजिश रची जा रही थी।
पुलिस की सख्ती और जांच का दायरा बढ़ा
ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने इस कार्रवाई को शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “नकली किताबों का यह कारोबार न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह सरकार को राजस्व का भारी नुकसान भी पहुंचाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहन जांच कर रहे हैं और जल्द ही सभी दोषियों को सलाखों के पीछे लाएंगे।” पुलिस को शक है कि इस अवैध धंधे में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।
NCERT की सतर्कता और अभिभावकों की भूमिका
NCERT के कोलकाता रीजन के बिजनेस मैनेजर गीतेश सुहाने ने बताया कि उन्हें अभिभावकों, सूत्रों और मीडिया के जरिए इस अवैध कारोबार की जानकारी मिली थी। “हमने अपनी स्तर पर सत्यापन किया और फिर स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर यह कार्रवाई की। ऑफ-सीजन में इतनी बड़ी मात्रा में नकली किताबें बरामद हुई हैं, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीक सीजन में यह धंधा कितना बड़ा होगा। यह बच्चों के भविष्य और सरकार के राजस्व के साथ धोखा है,” उन्होंने कहा।
कानूनी कार्रवाई और भविष्य की रणनीति
इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 318 बीएनएस और कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 63/65 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस और NCERT की टीम अब इस नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए काम कर रही है। गीतेश सुहाने ने बताया कि किताबों की गणना पूरी होने के बाद दुकानदार के खिलाफ औपचारिक एफआईआर दर्ज की जाएगी।
शिक्षा के साथ खिलवाड़ पर सवाल
यह घटना शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। नकली किताबों का यह कारोबार न केवल छात्रों को गलत और निम्नस्तरीय सामग्री उपलब्ध कराता है, बल्कि यह विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है, जो अभिभावक और छात्र NCERT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर रखते हैं।
पुलिस और NCERT की इस संयुक्त कार्रवाई ने नकली किताबों के अवैध कारोबार पर बड़ा प्रहार किया है। अब सवाल यह है कि क्या इस तरह की सख्ती भविष्य में भी जारी रहेगी, ताकि शिक्षा के नाम पर हो रहे इस धोखे को पूरी तरह रोका जा सके?