मुजफ्फरपुर, बिहार (6 अगस्त 2025): बिहार के मुजफ्फरपुर से एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है, जो प्रेम, धोखे और सामाजिक ताने-बाने की जटिलताओं को उजागर करती है। एक मुस्लिम युवती, रोशनी खातून, प्रेम के जाल में फंसकर धर्म परिवर्तन कर रोशनी देवी बनी, लेकिन अब वह न तो अपने पति के साथ है और न ही अपने परिवार का सहारा उसे मिल रहा है। दर-दर भटक रही रोशनी ने स्थानीय पुलिस से लेकर मानवाधिकार आयोग तक इंसाफ की गुहार लगाई है, लेकिन उसे अभी तक कोई राहत नहीं मिली है।
प्रेम के जाल में फंसी रोशनी
रोशनी देवी ने बताया कि मुजफ्फरपुर के मुशहरी थाना क्षेत्र के रोहुआ गांव निवासी विनोद कुमार सहनी के साथ उनकी मुलाकात तब हुई, जब दोनों बेला में एक ही मकान में किरायेदार के रूप में रह रहे थे। रौशनी के मुताबिक, विनोद ने पहले उनसे दोस्ती की और फिर एक दिन नशीला पेय पदार्थ पिलाकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद विनोद ने शादी का वादा कर 23 जुलाई 2025 को सिलौत स्थित शिव मंदिर में रोशनी का धर्म परिवर्तन कराकर उनसे शादी कर ली। रोशनी, जो पहले मुस्लिम थीं, ने विनोद के कहने पर हिंदू धर्म अपना लिया।
शादी के बाद धोखा
शादी के कुछ दिन बाद ही विनोद ने रोशनी को अपने साथ रखने से इनकार कर दिया। रोशनी को बाद में पता चला कि विनोद पहले से ही शादीशुदा है। इस धोखे ने रोशनी को पूरी तरह तोड़ दिया। धर्म परिवर्तन के कारण उनके मायके वालों ने भी उन्हें अपनाने से मना कर दिया। अब न पति का सहारा, न परिवार का साथ—रोशनी सड़क पर आ गई हैं। वह कहती हैं, “मुझे इस बात से कोई आपत्ति नहीं कि विनोद पहले से शादीशुदा है, लेकिन वह मुझे अपने साथ रखे।”
इंसाफ की आस में भटक रही रोशनी
रोशनी ने इस मामले में मुशहरी थाना, महिला थाना और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय में शिकायत दर्ज की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हताश होकर रोशनी ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के. झा के माध्यम से बिहार मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की हैं। रोशनी का कहना है कि विनोद उनकी हत्या कर सकता है, जिसके कारण उनकी जान को भी खतरा है।
अधिवक्ता की मांग: तत्काल मदद की जरूरत
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के. झा ने बताया कि उन्होंने रोशनी के लिए दो याचिकाएं दाखिल की हैं और जिला प्रशासन से मांग की है कि रोशनी के रहने के लिए तत्काल व्यवस्था की जाए। झा ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। रोशनी न केवल धोखे की शिकार हुई हैं, बल्कि उनकी जान को भी खतरा है। प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए।”
समाज और प्रशासन के सामने सवाल
रोशनी की कहानी केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन के सामने कई गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रेम और शादी के नाम पर धोखा, जबरन धर्म परिवर्तन और सामाजिक बहिष्कार जैसे मुद्दों पर क्या कोई जवाबदेही तय होगी? रोशनी जैसे पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में प्रशासन की निष्क्रियता क्यों? क्या समाज में ऐसी महिलाओं के लिए कोई सुरक्षित स्थान है?
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस मामले में स्थानीय पुलिस और प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। रोशनी की बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हमारी टीम इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है और जल्द ही प्रशासन का पक्ष आपके सामने लाएगी।
इंसाफ की उम्मीद में रोशनी
रोशनी की कहानी उन तमाम महिलाओं की आवाज है, जो प्रेम के नाम पर धोखे और सामाजिक बहिष्कार का शिकार होती हैं। क्या रोशनी को इंसाफ मिलेगा? क्या विनोद कुमार सहनी के खिलाफ कार्रवाई होगी? यह सवाल अब समय और प्रशासन के जवाब का इंतजार कर रहा है।हम इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और हर अपडेट आपको देते रहेंगे।