आगामी विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने शस्त्र सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी है। जिला दंडाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए जिले के 40 थानों में 25 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक शस्त्र सत्यापन की अवधि निर्धारित की है। इस दौरान सभी शस्त्र लाइसेंसधारियों को अपने शस्त्रों का भौतिक सत्यापन संबंधित थाने में अनिवार्य रूप से कराना होगा। सत्यापन कार्य प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों की देखरेख में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा।
1679 लाइसेंसधारियों का सत्यापन बाकी
जिलाधिकारी के अनुसार, जिले में कुल 3407 शस्त्र लाइसेंसधारी हैं, जिनमें से 1728 लाइसेंसधारियों के शस्त्रों का सत्यापन पहले निर्धारित तिथियों (26 मई से 30 मई, 19 जून से 27 जून, और 7 जुलाई से 14 जुलाई 2025) में हो चुका है। शेष 1679 लाइसेंसधारियों के शस्त्रों का सत्यापन अभी बाकी है। इस कार्य को पूरा करने के लिए ही 25 जुलाई से 9 अगस्त तक की अवधि निर्धारित की गई है।
चुनाव में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना लक्ष्य
जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है। शस्त्र सत्यापन के माध्यम से असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और सुरक्षित रहे।
सत्यापन न कराने पर होगी सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्धारित अवधि में शस्त्र सत्यापन न कराने वाले लाइसेंसधारियों के खिलाफ आयुध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें लाइसेंस निलंबन या रद्द करने जैसी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं। सभी लाइसेंसधारियों से अपील की गई है कि वे अपने शस्त्र लाइसेंस और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित समय में थाने में उपस्थित होकर सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें।
थाना प्रभारियों को विशेष निर्देश
जिलाधिकारी ने थाना प्रभारियों को शस्त्र सत्यापन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों को लाइसेंसधारी की अनुज्ञप्ति पुस्तिका पर चिपकाए गए फोटो से मिलान करने के बाद ही शस्त्र सत्यापन करने को कहा गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि लाइसेंसधारियों के वारिसों या उत्तराधिकारियों द्वारा धारित शस्त्र संबंधित थाने में जमा नहीं किए जाते।
अन्य राज्यों के लाइसेंसधारियों के लिए विशेष निर्देश
राज्य से बाहर (जैसे नागालैंड, जम्मू-कश्मीर आदि) से स्वीकृत शस्त्र लाइसेंसधारियों के शस्त्रों का सत्यापन तब तक नहीं होगा, जब तक संबंधित राज्य या अनुज्ञापन प्राधिकार से इसकी पुष्टि नहीं हो जाती। ऐसे शस्त्रों को 7 अगस्त 2025 तक निकटतम थाने या आयुध नियम 2016 के प्रावधानों के तहत प्रपत्र 8 या प्रपत्र 14 में स्वीकृत अनुज्ञप्तिधारी के प्रतिष्ठान में जमा करना होगा। बिना सत्यापन के ऐसे शस्त्र अवैध माने जाएंगे, और आयुध अधिनियम 1959 व आयुध नियम 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी की अपील
जिलाधिकारी ने सभी लाइसेंसधारियों से अपील की है कि वे निर्धारित समयावधि में सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें, ताकि किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। यह कदम न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि जिले में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा।