मुजफ्फरपुर, 05 अक्टूबर 2025: जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल के शिक्षक पर कथित तौर पर चौथी कक्षा के छात्र प्रिंस कुमार की पिटाई का गंभीर आरोप लगा है, जिसके बाद छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश फैला दिया, जिसके चलते रविवार को परिजनों और ग्रामीणों ने पुराना जीरोमाइल चौक पर स्कूल के हॉस्टल के सामने मृतक छात्र के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सीतामढ़ी मुख्य मार्ग पर तीन घंटे तक यातायात जाम कर दिया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना का विवरण: क्या हुआ प्रिंस के साथ?
मृतक छात्र प्रिंस कुमार के पिता सुजीत कुमार, जो हथौड़ी थाना क्षेत्र के झिटकहिया गांव के निवासी और एक राज मिस्त्री हैं, ने बताया कि चार महीने पहले उन्होंने अपने बेटे प्रिंस का दाखिला अहियापुर के एक निजी स्कूल में कराया था। 16 सितंबर को स्कूल प्रबंधन ने उन्हें फोन कर सूचित किया कि प्रिंस को खेलते समय चोट लगी है और उन्हें तुरंत स्कूल पहुंचने को कहा गया। लेकिन जब सुजीत स्कूल पहुंचे, तो उन्होंने अपने बेटे के शरीर पर गंभीर मारपीट के निशान देखे। प्रिंस की हालत नाजुक थी, और उसे तत्काल श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (SKMCH) में भर्ती कराया गया।
लगातार इलाज के बावजूद, प्रिंस की हालत में सुधार नहीं हुआ और 4 अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई। सुजीत ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने घटना को दबाने की कोशिश की और पुलिस ने भी उनकी शिकायत पर समय रहते कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, “अगर पुलिस ने मेरे बेटे का बयान दर्ज किया होता, तो शिक्षक के खिलाफ ठोस सबूत मिल सकते थे।”
परिजनों का आक्रोश, पुलिस पर पथराव
आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने रविवार को स्कूल के हॉस्टल के सामने प्रिंस का शव रखकर प्रदर्शन शुरू किया। एक घंटे तक हंगामे के बाद भी कोई सुनवाई न होने पर उन्होंने सीतामढ़ी एनएच को जाम कर दिया। स्थिति तब बिगड़ गई जब पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया और पथराव के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। अहियापुर थाना प्रभारी रोहन कुमार ने बताया, “पथराव के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। जाम हटाने के बाद हॉस्टल को सील कर दिया गया है।”
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने मृतक के पिता सुजीत के बयान के आधार पर स्कूल प्रबंधन और संबंधित शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। साथ ही, पथराव करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ भी अलग से FIR दर्ज की गई है, जिसमें तीन गिरफ्तार व्यक्तियों को नामजद किया गया है। पुलिस ने स्कूल के हॉस्टल को सील कर दिया है और प्रिंस का पोस्टमार्टम कराया गया है। थानेदार रोहन कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सटीक कारण स्पष्ट होगा।
हालांकि, आरोपित शिक्षक फिलहाल फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। परिजनों ने शिक्षक की तत्काल गिरफ्तारी और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों की मांग: इंसाफ और पारदर्शिता
प्रिंस के परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो शायद प्रिंस की जान बचाई जा सकती थी। सुजीत ने कहा, “मेरे बेटे को स्कूल में बेरहमी से पीटा गया, और प्रबंधन ने इसे खेल में चोट का मामला बता दिया। हम इंसाफ चाहते हैं।” ग्रामीणों ने भी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमों की मांग की।
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है। क्या स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में लापरवाही बरती? क्या समय रहते कार्रवाई हो सकती थी? इन सवालों का जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही मिलेगा।
फिलहाल, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। इस घटना ने न केवल मुजफ्फरपुर, बल्कि पूरे बिहार में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है।