मुजफ्फरपुर, 06 अक्टूबर 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुजफ्फरपुर जिले के सकरा वाजिद पंचायत भवन परिसर में 1333.29 करोड़ रुपये की लागत से 22 विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण किया, जिसमें 83.32 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं का उद्घाटन और 1249.97 करोड़ रुपये की 16 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों, पेंशनधारियों और अन्य लाभुकों के साथ संवाद किया, जिससे स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल देखा गया।
प्रमुख योजनाओं का विवरण
उद्घाटन और शिलान्यास की गई योजनाओं में शामिल हैं:
• आवास और शिक्षा: 32.32 करोड़ रुपये की लागत से जिला पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण, 26 करोड़ रुपये से एमआईटी मुजफ्फरपुर में 200 बेड वाले छात्र-छात्राओं के लिए दो छात्रावास।
• ऊर्जा और स्वास्थ्य: 13.28 करोड़ रुपये से वाजिदपुर, बोचहां, केरमा और कुढनी में विद्युत शक्ति उपकेंद्र, 2.32 करोड़ रुपये से बघनगरी और कांटी में प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय।
• कौशल विकास: 4.70 करोड़ रुपये से पश्चिमी मुजफ्फरपुर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और जिला मुख्यालय में महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान।
• बुनियादी ढांचा: 589.05 करोड़ रुपये की लागत से गंडक नदी पर फतेहाबाद (पारू) से चंचलिया (सरैया) तक उच्च स्तरीय पीएससी बॉक्स सेल सुपर स्ट्रक्चर मेन पुल और पहुंच पथ में तीन पीएससी सुपर स्ट्रक्चर पुलों का निर्माण।
• प्रशासनिक सुविधाएं: 199.45 करोड़ रुपये से कांटी, पारू, साहेबगंज, सरैया, मोतीपुर, सकरा, औराई, बोचहां, मुसहरी, गायघाट, मड़वन और बंदरा में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय और आवासीय परिसर।
• शिक्षा के लिए विशेष पहल: 184.32 करोड़ रुपये से मोतीपुर, सकरा, पारू और बंदरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर टेन प्लस टू आवासीय विद्यालय (720 सीटें) का निर्माण।
लाभुकों के साथ संवाद: आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में कदम
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित जीविका दीदियों, पेंशनधारियों और अन्य लाभुकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सतत जीविकोपार्जन योजना, स्वयं सहायता समूहों की संख्या में वृद्धि, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, और विभिन्न मानदेयों में बढ़ोतरी जैसे कदमों की सराहना की। खास तौर पर:
• पेंशन में वृद्धि: वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं की पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये।
• कर्मचारियों के लिए लाभ: रसोइयों का मानदेय 1650 रुपये से बढ़ाकर 3300 रुपये, गृह रक्षकों का दैनिक भत्ता 774 रुपये से 1121 रुपये, और लेखापाल सह आईटी सहायकों का मानदेय 20,000 रुपये से 30,000 रुपये।
• महिलाओं के लिए योजनाएं: मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना और जीविका दीदियों के लिए सहायक कैडरों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि।
• बिजली और अन्य सुविधाएं: सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली और जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं का मार्जिन मनी 90 रुपये से 137 रुपये प्रति क्विंटल।
• सामुदायिक विकास: पंचायतों में सामुदायिक विवाह मंडप का निर्माण, जिससे गरीब परिवारों को सुविधा मिलेगी।
लाभुकों ने कहा कि इन योजनाओं से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और सामाजिक सम्मान बढ़ा है। जीविका दीदियों ने विशेष रूप से महिलाओं के उत्थान और आत्मनिर्भरता के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री का संदेश: बिहार की प्रगति में सबका योगदान
जीविका दीदियों और लाभुकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “2005 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया और इसे जीविका का नाम दिया। आप सभी दीदियां शानदार काम कर रही हैं। हमारी सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार आप सभी के सहयोग से निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। मिलजुलकर रहें, ताकि बिहार और आगे बढ़े।”
कार्यक्रम में उपस्थिति
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव कुमार रवि, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त राज कुमार, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, तिरहुत प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक चंदन कुशवाहा, वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार सहित जनप्रतिनिधि, वरीय अधिकारी, लाभार्थी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।
मुजफ्फरपुर के लिए नई उम्मीद
इन योजनाओं से मुजफ्फरपुर जिले में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक बदलाव की उम्मीद है। यह कदम न केवल स्थानीय विकास को गति देगा, बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।