बिहार में महिलाओं के लिए 100 पिंक टॉयलेट: स्वच्छता और सशक्तीकरण की नई पहल

बिहार में महिलाओं के लिए 100 पिंक टॉयलेट: स्वच्छता और सशक्तीकरण की नई पहल

बिहार सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत महिलाओं की सुरक्षा, स्वच्छता और सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के 16 शहरी निकायों में 100 पिंक टॉयलेट के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए होंगे। इन टॉयलेट्स की खास बात यह है कि इनका संचालन भी पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित और निजी स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराना, उनकी गरिमा बनाए रखना और सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न व हिंसा से उनकी रक्षा करना है।

महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर सुविधाएं
नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि पिंक टॉयलेट्स में बिजली, पानी, साफ-सफाई जैसी सभी जरूरी सुविधाओं के साथ-साथ सेनेटरी पैड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है, बल्कि उनकी निजता और आत्मसम्मान को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, “महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। पिंक टॉयलेट्स इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।”

किन शहरों में बनेंगे पिंक टॉयलेट?
विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि ये टॉयलेट्स गयाजी, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, पूर्णिया, सासाराम, सीतामढ़ी, राजगीर, बोधगया, सुल्तानगंज, भभुआ, बड़हिया, बक्सर, जाले, सिंहवाड़ा, कमतौल-अहियारी और देव जैसे प्रमुख शहरों में बनाए जाएंगे। ये टॉयलेट्स शहरों के भीड़भाड़ वाले और महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे ताकि महिलाओं को आसानी से इनका उपयोग करने का मौका मिले।

बजट और योजना
इस परियोजना के तहत स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) 2.0 के तहत 10 नगर निकायों में 70 पिंक टॉयलेट्स की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार के बजट से 6 अन्य नगर निकायों में 30 और टॉयलेट्स बनाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 2.50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक कदम
पिंक टॉयलेट्स का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाना इस पहल को और भी खास बनाता है। इससे न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि वे स्वच्छता और सामाजिक बदलाव का हिस्सा भी बनेंगी। यह कदम बिहार में महिला सशक्तीकरण और जेंडर समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

स्थानीय लोगों में उत्साह
स्थानीय महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल का स्वागत किया है। मुजफ्फरपुर की रहने वाली रीता देवी ने कहा, “पहले सार्वजनिक स्थानों पर टॉयलेट की कमी के कारण हमें काफी परेशानी होती थी। अब पिंक टॉयलेट्स के बनने से न केवल सुविधा बढ़ेगी, बल्कि हमारी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।”

बिहार सरकार की इस पहल को स्वच्छता, सुरक्षा और सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह योजना न केवल शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाएगी, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को भी मजबूती देगी।